अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग मामला: सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत की शर्तों में किए गए संशोधन को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उन्हें रिहाई से पहले अपना स्थानीय पता बताने का निर्देश दिया था।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए मिशेल की याचिका खारिज कर दी और कहा, “हमने आपको जमानत दी और आप इतना भी नहीं करना चाहते कि एक स्थानीय पता दें?”

मिशेल के वकील ने तर्क दिया कि वह पिछले छह साल छह महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं और चूंकि वह विदेशी नागरिक हैं, इसलिए उनके पास भारत में कोई स्थानीय पता नहीं है। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की, “आपका स्थायी पता तिहाड़ जेल ही है। आप वहीं रहिए। अब क्या करें?”

Video thumbnail

जब वकील ने कहा कि मिशेल को रिहाई के बाद ही कोई पता उपलब्ध कराया जा सकता है, तो कोर्ट ने पूछा, “क्यों नहीं अभी?” साथ ही यह भी जोड़ा कि जब उनकी तरफ से परिवार कोर्ट में पैरवी करा रहा है, तो वह कोई पता भी दे सकता है। “ये सब बहाने हैं,” कोर्ट ने कहा और याचिका खारिज कर दी।

हाईकोर्ट ने 22 मई को मिशेल की जमानत शर्तों में संशोधन करते हुए यह निर्देश दिया था कि वह ₹5 लाख का व्यक्तिगत बॉन्ड और ₹10 लाख की नकद जमानत दे सकते हैं। साथ ही, चूंकि उनका पासपोर्ट पहले ही समाप्त हो चुका है, इसलिए उसे तुरंत सौंपने की शर्त में भी राहत दी गई थी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि उनका नया पासपोर्ट (जब भी जारी हो) सीधे ट्रायल कोर्ट में जमा कराया जाए और उन्हें न सौंपा जाए।

मिशेल ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि याचिका में कोई दम नहीं है।

क्रिश्चियन मिशेल पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में हुए ₹3,600 करोड़ के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिए की भूमिका निभाई। यह सौदा इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए किया गया था। सीबीआई का आरोप है कि इस सौदे में ₹2,666 करोड़ का नुकसान हुआ, जबकि ईडी का कहना है कि मिशेल को कंपनी से लगभग 30 मिलियन यूरो (₹225 करोड़) की रिश्वत मिली।

READ ALSO  पुलिस का दावा जिस घर से हुई करोड़ों की चोरी वो एक फ़र्ज़ी लॉ डिग्री धारक व्यक्ति का है जो खुद को "सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर" होने का दावा करता है

इस मामले में मिशेल के साथ गुइडो हैशके और कार्लो गेरोसा भी आरोपी हैं। मिशेल को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह भारत में हिरासत में हैं।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles