नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण आदेश में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 25 अप्रैल को होने वाली मेन्स परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने दिसंबर 13, 2024 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों को लेकर दायर कई याचिकाएं खारिज कर दीं।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने 70वीं बीपीएससी संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की जांच की। याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा रद्द करने और सभी अभ्यर्थियों के लिए पुनः परीक्षा कराने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने ठोस साक्ष्य के अभाव में खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने कोर्ट में व्हाट्सएप संदेशों और वीडियो क्लिप्स जैसे डिजिटल साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिनमें दावा किया गया था कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गए थे। एक वीडियो में एक परीक्षा केंद्र पर लाउडस्पीकर से उत्तर पढ़े जाने की बात कही गई थी।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि इन आरोपों के समर्थन में व्यापक स्तर पर कदाचार के ठोस प्रमाण नहीं मिले। यह निर्णय पटना हाईकोर्ट के पहले के आदेश के अनुरूप है, जिसमें भी याचिकाएं इसी आधार पर खारिज की गई थीं। इसके साथ ही BPSC अब अपने तय कार्यक्रम के अनुसार मेन्स परीक्षा आयोजित कर सकेगा।
गौरतलब है कि यह विवाद पहले भी न्यायालय के समक्ष आ चुका है। 7 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिसंबर 13 की परीक्षा में अनियमितताओं और विरोध प्रदर्शन पर पुलिस कार्रवाई को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को पटना हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी।
दिसंबर की परीक्षा को लेकर उठे विरोध के बाद बिहार पुलिस ने कथित रूप से अभ्यर्थियों पर बल प्रयोग किया था। इसके बाद 4 जनवरी को पटना के 22 केंद्रों पर चुनिंदा अभ्यर्थियों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित की गई थी। इस रिटेस्ट में 12,012 पात्र उम्मीदवारों में से 8,111 ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किया और 5,943 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।