सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नितीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया। यादव ने शीर्ष अदालत से अपनी शादी और ₹54 लाख से अधिक का जुर्माना चुकाने की व्यवस्था करने के लिए जमानत बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस.सी. शर्मा की पीठ ने कहा, “अगर आपकी दलील मान ली जाए तो यह प्रक्रिया कभी खत्म ही नहीं होगी। अब शादी है, फिर बच्चे होंगे, और यह चलता ही रहेगा।” अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह से बार-बार राहत नहीं दी जा सकती।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया था। उसी दिन उन्होंने आत्मसमर्पण किया और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वरिष्ठ अधिवक्ता गुरु कृष्णकुमार ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई 2 दिसंबर को करेगा।

यादव के वकील ने कहा कि उन्हें शादी की तैयारियां करने के साथ-साथ आधार कार्ड जैसे दस्तावेज बनवाने और ₹54 लाख का जुर्माना चुकाने के लिए फंड जुटाने का समय चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलील को खारिज कर दिया।
पूर्व सांसद डी.पी. यादव के बेटे विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में मां की बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद उन्हें कई बार जमानत की अवधि बढ़ाने की राहत मिली, लेकिन 8 सितंबर को शीर्ष अदालत ने आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा।
हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी, यह कहते हुए कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषसिद्धि बरकरार रखने के बाद उसके पास अंतरिम जमानत देने का अधिकार नहीं है। अदालत ने दिल्ली पुलिस से यादव की शादी के दावे की जांच करने को भी कहा था, क्योंकि नितीश कटारा की मां नीलम कटारा ने हाईकोर्ट को बताया था कि यादव पहले से शादीशुदा है।
नितीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव के अलावा उसके चचेरे भाई विशाल यादव और सहयोगी सुखदेव पहलवान भी दोषी ठहराए गए थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुखदेव यादव को 20 साल की निर्धारित सजा पूरी करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया।