महिला नेता के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, पत्रकार को अंतरिम राहत बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के एक पत्रकार को एक महिला राजनेता के खिलाफ आपत्तिजनक और मानहानिकारक वीडियो यूट्यूब चैनल “क्राइम ऑनलाइन” पर प्रसारित करने के मामले में कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने डिजिटल मंचों का दुरुपयोग कर लोगों की छवि खराब करने और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई।

न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने पत्रकार नंदकुमार टी.पी. को फटकारते हुए कहा,
“आप यूट्यूब वीडियो से लोगों को दोषी ठहराना चाहते हैं? दोषसिद्धि या बरी करना यूट्यूब से नहीं, अदालतें तय करती हैं।”

READ ALSO  पाँच साल की बच्ची से रेप-हत्या के दोषी ठहराए जाने के बाद जज पर फेंकी चप्पल- जानिए विस्तार से

पीठ ने आगे कहा, “यूट्यूब पर कुछ अच्छा भी कहिए। क्राइम ऑनलाइन वगैरह क्यों डालते हैं? केरल में कुछ अच्छा हो रहा है, God’s own country है — उसके बारे में बात कीजिए।”

Video thumbnail

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार नंदकुमार को राहत देते हुए उनके लिए गिरफ्तारी से बचाव की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ा दी।

नंदकुमार पर भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की कई धाराओं के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, डराने-धमकाने और मानहानि की नीयत से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री प्रसारित करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा, उन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है, जो इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण को दंडनीय बनाता है।

READ ALSO  SC To Hear on Feb 6 Plea Against HC Order on Exemption to Students From Writing Tamil Paper in Class 10 Board Exams

केरल पुलिस का आरोप है कि पत्रकार द्वारा प्रसारित यूट्यूब वीडियो में महिला नेता के खिलाफ अपमानजनक, यौन रूप से अभद्र और धमकीपूर्ण टिप्पणियां थीं, जिनका उद्देश्य उनकी छवि खराब करना था।

इससे पहले, केरल हाईकोर्ट ने 9 जून को नंदकुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर उन्हें पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

READ ALSO  हत्या के मामले में दोषसिद्धि केवल स्वीकार्य प्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर हो सकती है, भले ही शव की बरामदगी न हुई हो: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles