केंद्र के प्रतिबंध की पुष्टि करने वाले यूएपीए ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ पीएफआई की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने उसे हाई कोर्ट जाने की इजाजत दी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) न्यायाधिकरण द्वारा केंद्र सरकार द्वारा उस पर लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध की पुष्टि के खिलाफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि पीएफआई के लिए न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना उचित होगा।

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पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने अदालत के विचार से सहमति व्यक्त की कि संगठन को पहले उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत में आना चाहिए था।

इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी लेकिन पीएफआई को उच्च न्यायालय जाने का अवसर दिया।

पीएफआई ने अपनी याचिका में यूएपीए ट्रिब्यूनल के 21 मार्च के आदेश को चुनौती दी है जिसके द्वारा उसने केंद्र के 27 सितंबर, 2022 के फैसले की पुष्टि की थी।

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केंद्र ने आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश के लिए पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।

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