सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली 14 पार्टियों की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमानी का इस्तेमाल करने और भविष्य के लिए दिशानिर्देश मांगने का आरोप लगाया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि “किसी मामले के तथ्यों के संबंध के बिना सामान्य दिशा-निर्देश देना खतरनाक होगा”।
याचिका पर विचार करने में शीर्ष अदालत की अनिच्छा को भांपते हुए राजनीतिक दलों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिघवी ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।
पीठ ने आदेश दिया, “विद्वान वकील ने इस स्तर पर याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी है। याचिका तदनुसार खारिज की जाती है।”
पीठ ने कहा, ‘जब आपके पास व्यक्तिगत आपराधिक मामला या मामलों का समूह हो तो आप कृपया हमारे पास वापस आएं।’
याचिका में विपक्षी राजनीतिक नेताओं और असहमति के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने वाले अन्य नागरिकों के खिलाफ जबरदस्त आपराधिक प्रक्रियाओं के उपयोग में खतरनाक वृद्धि का आरोप लगाया गया है।
कांग्रेस के अलावा, जो दल संयुक्त कदम का हिस्सा हैं, वे हैं DMK, RJD, BRS, तृणमूल कांग्रेस, AAP, NCP, शिवसेना (UBT), JMM, JD (U), CPI (M), CPI, समाजवादी पार्टी और जे-के नेशनल कॉन्फ्रेंस।