सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गृह मंत्रालय को आपराधिक मामलों के बारे में पुलिस कर्मियों द्वारा मीडिया ब्रीफिंग पर एक व्यापक मैनुअल तैयार करने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग से लोगों में यह संदेह पैदा होता है कि उस व्यक्ति ने अपराध किया है, मीडिया रिपोर्टें पीड़ित की निजता का भी उल्लंघन कर सकती हैं।
शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को आपराधिक मामलों में पुलिस द्वारा मीडिया ब्रीफिंग के लिए मैनुअल तैयार करने पर एक महीने में गृह मंत्रालय को सुझाव देने का भी निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, “सभी डीजीपी एक महीने में दिशानिर्देशों के लिए अपने सुझाव गृह मंत्रालय को बताएं…एनएचआरसी के सुझाव भी लिए जा सकते हैं।”
शीर्ष अदालत उन मीडिया ब्रीफिंग के संचालन में पुलिस द्वारा अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जहां जांच जारी है।