सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर सरकार को छह हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है ताकि वह यह जानकारी दे सके कि जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा अधिनियम, 1978 (Public Safety Act) के तहत कितने पाकिस्तानी नागरिक हिरासत में हैं। सरकार ने बताया कि बाढ़ के कारण इन कैदियों से जुड़ा डेटा नष्ट हो गया है।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यह आदेश उस याचिका की सुनवाई के दौरान दिया जो दिवंगत वरिष्ठ अधिवक्ता और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह द्वारा दाखिल की गई थी। याचिका में जम्मू-कश्मीर में PSA के तहत बंद पाक नागरिकों की रिहाई और पाकिस्तान प्रत्यर्पण की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि बाढ़ की वजह से संबंधित रिकार्ड नष्ट हो गए हैं। अदालत ने इस स्थिति को देखते हुए सरकार को डेटा पुनः संकलित करने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया और अगली सुनवाई की तारीख 25 जुलाई तय की।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन पाक नागरिकों की स्थिति पर चिंता जताई थी जिन्हें भारतीय जेलों से सजा पूरी होने के बाद रिहा तो कर दिया गया, लेकिन पाकिस्तान द्वारा नागरिकता न स्वीकारने के कारण उन्हें जेल में ही रहना पड़ता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसा तंत्र विकसित करने को कहा था जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी विदेशी नागरिक सजा पूरी होने के बाद अनावश्यक रूप से जेल में न रहे।