न ओडिशा के सटकोसिया टाइगर रिजर्व में कथित अवैध निर्माण को लेकर दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। यह रिजर्व बाघों, हाथियों और कई विलुप्तप्राय प्रजातियों का महत्वपूर्ण आवास क्षेत्र माना जाता है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी. आर. गवई, जस्टिस के. वी. विश्वनाथन और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ के समक्ष अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने इस मुद्दे को तत्काल सुनने की अपील की। अदालत ने याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की बात कही।
बंसल ने दलील दी कि स्थानीय प्रशासन द्वारा संरक्षित क्षेत्र में ईको-टूरिज्म से संबंधित निर्माण की अनुमति दी गई है, जो गंभीर पर्यावरणीय चिंता का विषय है। उन्होंने अदालत से सवाल किया, “जिला कलेक्टर द्वारा ईको-टूरिज्म स्पॉट के निर्माण की अनुमति कैसे दी जा सकती है?” बंसल ने कहा, “मैं सिर्फ जंगलों की लड़ाई लड़ रहा हूं।”

सटकोसिया टाइगर रिजर्व ओडिशा के अंगुल, कटक, नयागढ़ और बौध जिलों में फैला हुआ है और जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने कई बार चेतावनी दी है कि संरक्षित क्षेत्रों में अनियंत्रित पर्यटन विकास से पारिस्थितिक संतुलन पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।