ओडिशा के खुर्दा जिले में ट्रॉली बैग में पति का शव मिलने के चर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी महिला को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसमें महिला की लंबे समय से चल रही न्यायिक हिरासत और उसके नाबालिग बच्चे की देखभाल की आवश्यकता को ध्यान में रखा गया।
यह महिला 23 जनवरी 2023 से जेल में है और उसने ओडिशा हाईकोर्ट द्वारा 20 दिसंबर 2024 को जमानत खारिज किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि अब तक 37 गवाहों में से केवल 15 की ही गवाही हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मुकदमे के निष्कर्ष में अभी काफी समय लग सकता है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा,
“याचिकाकर्ता के गवाहों को प्रभावित करने की संभावना नहीं दिखती और उसके नाबालिग बच्चे की देखभाल की जरूरत को देखते हुए हम उसे जमानत प्रदान करते हैं।”
हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय आरोपी के दोषी या निर्दोष होने के विषय में कोई टिप्पणी नहीं है।

इस महिला को दो अन्य सहआरोपियों—जिनमें उसका एक चचेरा भाई भी शामिल है—के साथ गिरफ्तार किया गया था, जब उसके पति का शव हरिपुर जंगल में एक ट्रॉली बैग में बरामद हुआ था। पुलिस जांच में यह सामने आया कि पति-पत्नी के रिश्ते तनावपूर्ण थे और मृतक अक्सर शराब के नशे में पत्नी के साथ मारपीट करता था।
पुलिस के अनुसार, 20 जनवरी 2023 को हुई एक विशेष रूप से हिंसक घटना के बाद महिला ने अपने दोस्त और चचेरे भाई के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। अगले दिन तीनों ने एक सूटकेस खरीदा, मृतक के साथ शराब पी, और जब वह सो गया तो उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को सूटकेस में भरकर जंगल में फेंक दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपी महिला ट्रायल कोर्ट की सभी शर्तों का पालन करे और नियमित रूप से अदालत में पेश होती रहे।