सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास भुगत रहे दोषियों की अपीलों पर झारखंड हाईकोर्ट के लंबित फैसलों पर रिपोर्ट तलब की

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट से 2022 में आरक्षित किए गए मामलों पर निर्णय सुनाने में देरी को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश चार आजीवन कारावास भुगत रहे दोषियों की याचिका पर दिया गया है, जिन्होंने अपनी सजा के खिलाफ दायर अपीलों पर अब तक फैसला न होने की शिकायत की थी।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे उन सभी मामलों की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करें, जिनमें निर्णय आरक्षित किया गया था लेकिन दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी फैसला नहीं सुनाया गया।

READ ALSO  हाईकोर्ट ने सौतेली मां के बलात्कार और हत्या के आरोपी को किया बरी, फोरेंसिक रिपोर्ट पर संज्ञान ना लेने पर आईओ के खिलाफ जांच के आदेश भी दिए

वरिष्ठ अधिवक्ता फौज़िया शकील की ओर से पेश याचिकाकर्ताओं — पिला पाहन, सोमा बड़ांग, सत्यनारायण साहू और धर्मेश उरांव — ने दलील दी कि वे 11 से 16 वर्षों से जेल में हैं। उन पर हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में सजा सुनाई गई थी और वे सभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

Video thumbnail

याचिका में यह भी बताया गया कि ये सभी दोषी अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित हैं। उन्होंने 2022 में झारखंड हाईकोर्ट में अपनी अपीलें दायर की थीं, जिन पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया गया, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं आया है।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि सिर्फ वे चार ही नहीं, बल्कि ऐसे करीब दस अन्य दोषी भी हैं, जिनकी अपीलें वर्षों से लंबित हैं और वे भी फैसले की प्रतीक्षा में जेल में हैं।

READ ALSO  दोषसिद्धि से पहले आरोपी को दंडित करने की अप्रत्यक्ष प्रक्रिया के रूप में जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए दोषियों की जमानत याचिका पर भी नोटिस जारी किया है और झारखंड राज्य सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है।

READ ALSO  सीपीआई-एम उम्मीदवार थॉमस इसाक को राहत, केरल हाईकोर्ट ने ईडी से उन्हें समय देने को कहा

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles