सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली और आस-पास के एनसीआर राज्यों द्वारा अपने-अपने प्रदूषण नियंत्रण निकायों में रिक्त पदों को भरने में विफल रहने पर कड़ी नाखुशी जताई और इसे “दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति” करार दिया।
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को अवमानना नोटिस जारी किए, क्योंकि इन राज्यों ने अगस्त 2024 के न्यायालय आदेश का पालन नहीं किया जिसमें 30 अप्रैल 2025 तक सभी रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया गया था।
न्यायालय ने विशेष रूप से दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की स्थिति को चिंताजनक बताया, जहां 55 प्रतिशत पद अब भी खाली हैं। पीठ ने टिप्पणी की, “यह चौंकाने वाला है कि यह संस्था लगभग निष्क्रिय हो चुकी है।”

सुप्रीम कोर्ट ने इसे अपने पहले के आदेश का गंभीर उल्लंघन मानते हुए अधिकारियों से यह स्पष्टीकरण मांगा है कि उनके खिलाफ 1971 के अवमानना अधिनियम के तहत दंड क्यों न दिया जाए।
कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को 19 मई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है, जबकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को 18 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से पेश होने को कहा गया है।