कॉलेजियम ने 221 हाईकोर्ट जजों की सूची जारी की; जाति, लिंग और पारिवारिक पृष्ठभूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नवंबर 2022 से मई 2025 के बीच विभिन्न हाईकोर्टों में नियुक्त किए गए 221 न्यायाधीशों की सूची जारी की है। इस सूची में जाति (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक), लिंग (महिला) और यदि कोई उम्मीदवार किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से संबंध रखता है, तो उसकी भी स्पष्ट जानकारी दी गई है। यह पहल न्यायिक नियुक्तियों में पारदर्शिता और विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

मुख्य तथ्य:

  • कुल नियुक्तियाँ: 221 न्यायाधीश
    • मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के कार्यकाल में: 170 नियुक्तियाँ (9 नवम्बर 2022 – 10 नवम्बर 2024)
    • मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के कार्यकाल में: 51 नियुक्तियाँ (11 नवम्बर 2024 – 1 मई 2025)
READ ALSO  एक आरोपी या सामूहिक बलात्कार?: आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने CBI से पूछे अहम सवाल

वर्गवार प्रतिनिधित्व (CJI चंद्रचूड़ के कार्यकाल की 170 नियुक्तियों में):

  • अनुसूचित जाति (SC): 7
  • अनुसूचित जनजाति (ST): 5
  • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): 21
  • अति पिछड़ा/पिछड़ा वर्ग (MBC/BC): 7
  • अल्पसंख्यक समुदाय: 23
  • महिलाएं: 28
  • न्यायाधीशों से संबंध रखने वाले: 12

वर्गवार प्रतिनिधित्व (CJI खन्ना के कार्यकाल की 51 नियुक्तियों में):

  • OBC: 11
  • SC: 1
  • ST: 2
  • अल्पसंख्यक: 8
  • महिलाएं: 6
  • न्यायाधीशों से संबंध: 2

महत्वपूर्ण उदाहरण:

  • स्मृति नूपुर भाटी (राजस्थान हाईकोर्ट): महिला अधिवक्ता; उनके पति जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश हैं।
  • जस्टिस रीतोब्रतो कुमार मित्रा (कलकत्ता हाईकोर्ट): पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रोनोजित कुमार मित्रा के पुत्र।
  • तेजस करिया (दिल्ली हाईकोर्ट): सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस बी.एन. करिया के पुत्र और वर्तमान गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस बी.डी. करिया के भाई।
  • स्मृति सोनी श्रीवास्तव (पटना हाईकोर्ट): पूर्व जज जस्टिस रेखा कुमारी की पुत्री।
READ ALSO  हाईकोर्ट ने विदेशी वकीलों के प्रवेश की अनुमति देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर BCI से जवाब मांगा

इस बार की सूची में कॉलेजियम ने पहली बार नियुक्त किए गए न्यायाधीशों की श्रेणी, लिंग और पारिवारिक पृष्ठभूमि को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया है। इससे न्यायपालिका में वंशवाद के आरोपों को पारदर्शी तरीके से सामने लाया गया है, साथ ही यह दिखाया गया है कि विविध सामाजिक समूहों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है।

Video thumbnail

READ ALSO  हाईकोर्ट ने छोटे बेटे द्वारा बड़े भाई से माता-पिता की हिरासत की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अनुमति दी
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles