सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार और कर्मचारी चयन आयोग (SSC) से उन याचिकाओं पर जवाब मांगा है जिनमें राष्ट्रीय स्तर की भर्ती परीक्षाओं के संचालन में सुधार की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर की पीठ ने याचिकाकर्ता निखिल कुमार की अर्जी पर नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को तय की। याचिका में परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपायों की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया कि एसएससी लंबे समय से विभिन्न राजपत्रित और अराजपत्रित पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं के आयोजन हेतु टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) को नियुक्त करता रहा है और इन परीक्षाओं में कोई बड़ी समस्या नहीं रही।

लेकिन वर्ष 2025 की सेलेक्शन पोस्ट/फेज़-13 परीक्षा का आयोजन जब नए सेवा प्रदाता Eduquity को सौंपा गया, तब गंभीर विवाद खड़ा हुआ। याचिका के अनुसार परीक्षा के पहले चरण में गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं, जिनमें खराब ढांचा और तकनीकी खामियाँ शामिल थीं। मंत्रालय को कई बार प्रतिनिधित्व दिए जाने के बावजूद, दूसरे चरण में भी यही दिक्कतें बनी रहीं।
सितंबर में होने वाले तीसरे चरण को देखते हुए अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उनका कहना है कि पिछले अनुभव को देखते हुए लापरवाही की पुनरावृत्ति की आशंका है, जिससे लाखों परीक्षार्थियों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।