CAPF अधिकारियों की पदोन्नति में गतिरोध दूर करने को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, छह महीने में कैडर रिव्यू पूरा करने का निर्देश

सीमा सुरक्षा बलों में पदोन्नति और सेवाओं से जुड़ी पुरानी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) समेत सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) का कैडर रिव्यू छह महीने के भीतर पूरा करे।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयाँ की पीठ ने यह आदेश उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया, जिनमें CAPF अधिकारियों ने नॉन-फंक्शनल फाइनेंशियल अपग्रेडेशन (NFFU), कैडर पुनर्संरचना और IPS अधिकारियों की डेपुटेशन नीति में संशोधन की मांग की थी।

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पीठ ने कहा कि CAPF अधिकारियों में लंबे समय से पदोन्नति नहीं मिलने के कारण असंतोष और मनोबल में गिरावट देखने को मिल रही है, जिसे दूर करने के लिए ढांचा सुधार आवश्यक है। कोर्ट ने गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए एक्शन-टेकन रिपोर्ट प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

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कोर्ट ने कहा, “सेवा में पदोन्नति की संभावनाएं सुनिश्चित करना और बलों की कार्यात्मक आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। इसलिए हम मानते हैं कि सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (SAG) तक के पदों पर IPS अधिकारियों की डेपुटेशन को क्रमिक रूप से दो वर्षों की समय-सीमा में कम किया जाना चाहिए।”

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कोर्ट ने यह भी कहा कि इस कदम से CAPF कैडर अधिकारियों की प्रशासनिक भागीदारी सुनिश्चित होगी और उनका दशकों पुराना असंतोष दूर हो सकेगा।

हालांकि केंद्र सरकार ने यह दलील दी कि CAPF की विशिष्ट पहचान बनाए रखने के लिए IPS अधिकारियों की मौजूदगी जरूरी है, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि “आईपीएस अधिकारियों या उनके संगठन को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि डेपुटेशन कोटा कितना होना चाहिए या कितने समय तक जारी रहना चाहिए।”

कोर्ट ने CAPF अधिकारियों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “ये बल सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं। उनकी समर्पित सेवा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”

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पीठ ने यह भी टिप्पणी की कि पदोन्नति में देरी से उत्पन्न स्थायी ठहराव (stagnation) बलों के मनोबल को प्रभावित कर सकता है, और यह नीति निर्धारण में एक महत्वपूर्ण पहलू होना चाहिए।

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