सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) के चुनाव विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया। न्यायालय ने यह कदम विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को एक जगह समेकित करने और परस्पर विरोधाभासी आदेशों की संभावना को टालने के लिए उठाया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने BFI चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक को छह हफ्ते के लिए बढ़ा दिया, ताकि याचिकाकर्ता दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी याचिकाएं दाखिल कर सकें या वहां चल रही कार्यवाही में शामिल हो सकें। पीठ ने कहा, “हमने इस विषय पर खुली अदालत में चर्चा की है। पक्षकार इस बात पर सहमत हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट इस विवाद को सुनने के लिए उपयुक्त मंच है।”
इसके तहत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी पक्षकार अब इस मामले में क्षेत्राधिकार का प्रश्न नहीं उठाएंगे और यदि आवश्यक हुआ तो वे दिल्ली हाईकोर्ट से दिशा-निर्देश या आदेशों में संशोधन की मांग कर सकते हैं।

यह मामला पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और हिमाचल प्रदेश बॉक्सिंग संघ (HPBA) द्वारा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने से जुड़ा है। ठाकुर, जो HPBA के एक कार्यकारी सदस्य हैं, को 28 मार्च को प्रस्तावित BFI चुनाव में नामांकित किया गया था, लेकिन उनका नामांकन कथित रूप से पूर्व अध्यक्ष अजय सिंह के इशारे पर बिना सुनवाई के खारिज कर दिया गया।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने ठाकुर को मतदाता सूची से बाहर किए जाने पर रोक लगाते हुए नामांकन प्रक्रिया फिर से शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह राहत बाद में एक खंडपीठ द्वारा रद्द कर दी गई, जिसके खिलाफ ठाकुर और HPBA सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि BFI और अन्य पक्षों की पहले की दलीलें अब अप्रासंगिक हो चुकी हैं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने उस निकाय की मान्यता रद्द कर दी है जो पहले BFI को मान्यता देता था। अब BFI को किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्था से मान्यता प्राप्त है।
अब जबकि पूरा मामला दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष समेकित कर दिया गया है, BFI की चुनाव प्रक्रिया का भविष्य वहां तय किया जाएगा।