मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

उत्तर प्रदेश जेल विभाग ने गुरुवार को राज्य की 2018 की छूट नीति का हवाला देते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई का आदेश जारी किया था, क्योंकि उन्होंने 16 साल की सजा पूरी कर ली है।

न्यायमूर्ति अनिउद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कवि की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।

अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जेल विभाग ने उनकी उम्र और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 साल के हैं और मधुमणि 61 साल की हैं।

अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी फिलहाल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।

कवयित्री मधुमिता, जो गर्भवती थीं, की 9 मई 2003 को लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर 2003 में उस कवि की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिसके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थे।

देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर 2007 में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में नैनीताल उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने दंपति की सजा को बरकरार रखा। मामले की जांच सीबीआई ने की थी.

Related Articles

Latest Articles