संभल की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को शाही जामा मस्जिद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के चलते 3 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
यह मामला शाही जामा मस्जिद की संपत्ति को लेकर दोनों पक्षों के दावों से संबंधित है। हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरीशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन सहित अन्य ने 19 नवंबर 2024 को जिला अदालत में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि मस्जिद का परिसर प्राचीन हरिहर मंदिर की भूमि पर स्थित है। इसके बाद अदालत ने 19 और 24 नवंबर को मस्जिद परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया था।
हालांकि, 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसक झड़पें हो गई थीं, जिनमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क, मस्जिद कमेटी अध्यक्ष जफर अली और करीब 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मुस्लिम पक्ष ने ट्रायल कोर्ट के सर्वे आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 19 मई को ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए उसे मामले की सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया था।
लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह की अदालत ने कार्यवाही स्थगित कर अगली सुनवाई 3 दिसंबर के लिए तय की है।
मस्जिद पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी ने बताया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में 7 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। उन्होंने कहा, “चूंकि अपील सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए ट्रायल कोर्ट ने अगली तारीख 3 दिसंबर निर्धारित की है।”
वहीं, हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए स्थगन आदेश के मद्देनज़र निचली अदालत ने सुनवाई आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।




