केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को सबरीमला मंदिर में कथित सोने की कमी की जांच के तहत विशेष जांच दल (एसआईटी) को वैज्ञानिक परीक्षण करने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन और न्यायमूर्ति के. वी. जयकुमार की खंडपीठ ने एसआईटी को 17 नवंबर को परीक्षण करने की अनुमति प्रदान की। इससे पहले एसआईटी ने 2019 में सामने आई सोने की कमी की सीमा निर्धारित करने के लिए द्वारपालक (रक्षक देवता) मूर्तियों की वैज्ञानिक जांच की अनुमति मांगी थी।
अदालत ने पहले ही जांच दल को निर्देश दिया था कि वे द्वारपालक मूर्तियों पर लगी प्लेटों और साइड पिलर प्लेटों का वजन करें। अदालत ने यह भी कहा था कि सोने की परत का नमूना लेकर उसकी शुद्धता और गुणवत्ता की जांच की जाए, प्लेटों के सतह क्षेत्र का मापन किया जाए और द्वारपालक प्लेटों व दरवाज़े के फ्रेम से कॉपर के नमूने एकत्र किए जाएं।
अदालत के अनुसार, इन नमूनों पर विद्युत चालकता, स्पेक्ट्रोस्कोपिक और माइक्रोस्ट्रक्चर जैसे वैज्ञानिक परीक्षण किए जाने ज़रूरी हैं।
शुरुआत में हाईकोर्ट ने एसआईटी को 15 नवंबर तक ये परीक्षण पूरा करने का निर्देश दिया था। गुरुवार के आदेश के साथ, जांच दल को 17 नवंबर को ये वैज्ञानिक परीक्षण करने की अनुमति मिल गई है।




