दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अब सफेद शर्ट और काली पैंट सिर्फ वकीलों की पहचान होगी। रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन (RCBA) ने हाल ही में नोटिस जारी कर कहा है कि कोर्ट परिसर में कोई भी क्लर्क, वादी या आम नागरिक सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर नहीं आ सकता।
मंगलवार को जारी नोटिस में कहा गया, “कोर्ट परिसर में सफेद शर्ट और काली पैंट पहनने की अनुमति केवल सम्मानित वकीलों/अधिवक्ताओं को है। यह वकीलों की पेशेवर पहचान और गरिमा का प्रतीक है।”
दरअसल, बार एसोसिएशन को कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ लोग खुद को वकील या वकीलों के क्लर्क बताकर भोले-भाले वादियों को गुमराह और ठग रहे हैं। इससे पहले जारी नोटिस में RCBA ने बताया था कि कई बिचौलिए खुद को अधिकृत अधिवक्ता या क्लर्क बताकर लोगों को धोखा दे रहे हैं।

RCBA ने वकीलों के क्लर्कों के लिए अधिकृत पहचान पत्र लेना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
RCBA अध्यक्ष राजीव तेहलान ने कहा, “अक्सर अपराधी और आरोपी भी वकीलों के कपड़े पहनकर आते हैं, यहां तक कि वकीलों के लिए आरक्षित पार्किंग में गाड़ियां लगाते हैं। ये लोग लगातार वादियों को ठगते रहते हैं। अगर ऐसे लोग वकील के भेष में अंदर आ जाएं और सुरक्षा जांच न हो, तो इससे पूरे वकील समाज की साख पर आंच आती है।”
तेहलान ने बताया कि पार्किंग व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। अब QR कोड स्कैन करके असली वकीलों की पहचान की जा सकेगी। उन्होंने इसे “व्यावहारिक और क्रांतिकारी कदम” बताया, जिससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
रोहिणी कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता प्रवेश डबास ने कहा, “हमने कई बार देखा है कि आम वादियों को काले-सफेद कपड़े पहनकर आए लोग धोखा देते हैं। यहां तक कि कोर्ट परिसर में कुख्यात गैंगस्टर गोगी की शूटआउट की घटना भी इसलिए हुई थी क्योंकि हमलावर वकील की पोशाक में थे।”
साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव धीर सिंह कसाना ने इस कदम की तारीफ करते हुए कहा, “साकेत कोर्ट में कोई सही जांच व्यवस्था नहीं है। यह कदम सुरक्षा के लिहाज से अच्छा है। हर कोर्ट में ऐसा होना चाहिए, वरना हर दिन हजारों लोग काले-सफेद कपड़ों में अंदर चले आते हैं… मेरा मानना है कि इससे फर्जी लोगों की एंट्री रोकी जा सकती है।”