राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) को निर्देश दिया है कि वे राज्य के विभिन्न जिलों में दर्ज सभी 16 प्राथमिकियों की जांच के लिए एक टीम गठित करें, जो सहकारी बैंकों और समितियों द्वारा ऋण वितरण और माफी में अनियमितता के संबंध में दर्ज की गई हैं।
टीम सभी प्राथमिकी की जांच करेगी और कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई के लिए अपनी अंतिम रिपोर्ट पुलिस को सौंपेगी।
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने राज्य में सहकारी बैंकों के साथ-साथ सहकारी समितियों द्वारा ऋण वितरण और ऋण माफी में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए।
कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख पर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।
राजस्थान सहकारिता विभाग के संयुक्त मुख्य लेखा परीक्षक ने लेखापरीक्षा की कार्यवाही की और सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा ऋण वितरण और ऋण माफी में बड़ी संख्या में अनियमितताओं को चिन्हित किया।
अदालत ने तब सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को उन सहकारी समितियों और अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जिन पर अनियमितताओं में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। अभी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।