राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को उस एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें वर्ष 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को पेपर लीक और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के कुछ सदस्यों की संलिप्तता के आरोपों के आधार पर रद्द कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश विक्रम पंवार की अपील पर दिया। पंवार भर्ती परीक्षा में सफल घोषित उम्मीदवारों में शामिल हैं।
खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी गई कि केवल कुछ नामजद उम्मीदवार ही पेपर लीक प्रकरण में शामिल पाए गए थे। यदि पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो उन सैकड़ों अभ्यर्थियों को अपूरणीय क्षति होगी, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा पास की है।

इन दलीलों पर विचार करते हुए खंडपीठ ने 28 अगस्त को पारित एकल पीठ के आदेश की कार्यवाही और प्रभाव पर रोक लगा दी।
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 2021 में सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। हालांकि परीक्षा के दौरान पेपर लीक के गंभीर आरोप सामने आए, जिसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) को सौंप दी।
जांच के दौरान 50 से अधिक प्रशिक्षु सब-इंस्पेक्टरों सहित कई अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।
इस बीच, राज्य मंत्रिमंडल की एक उप-समिति ने हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए परीक्षा रद्द न करने की सिफारिश की थी और कहा था कि निर्दोष अभ्यर्थियों को कुछ लोगों की गड़बड़ी की वजह से नुकसान नहीं होना चाहिए।
अंतरिम रोक के चलते फिलहाल भर्ती प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। हाईकोर्ट आगे मामले की सुनवाई जारी रखेगा और यह तय करेगा कि सार्वजनिक परीक्षाओं की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के साथ-साथ ईमानदारी से पास हुए उम्मीदवारों के अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए।