कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई से इनकार कर दिया। यह याचिका वि‍ग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई थी, जो इस विषय में पहले भी दो याचिकाएं दाखिल कर चुके हैं और वे दोनों पहले ही खारिज हो चुकी हैं।

मुख्य न्यायाधीश अत्ताउर रहमान मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता द्वारा यह साबित करने के लिए कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया कि राहुल गांधी के पास किसी अन्य देश की नागरिकता या पासपोर्ट है।

READ ALSO  जनहित याचिका दायर करने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान दें: सुप्रीम कोर्ट ने कानून के छात्र से कहा

कोर्ट ने तीखे लहजे में पूछा, “वह पासपोर्ट कहां है… हमारे सामने केवल कागज़ी दावे मत कीजिए… रिकॉर्ड में वह पासपोर्ट कहां है?”

खंडपीठ ने यह भी उल्लेख किया कि याचिकाकर्ता पहले ही केंद्र सरकार को इस विषय में अभ्यावेदन दे चुके हैं और जब तक कोई वैध और कानूनी रूप से न्यायसंगत आधार प्रस्तुत नहीं किया जाता, तब तक अदालत इस विषय में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

शिशिर ने दलील दी कि राहुल गांधी ने वियतनाम में ब्रिटिश पासपोर्ट का उपयोग किया था और यह पासपोर्ट ब्रिटेन सरकार द्वारा भारत सरकार को भेजा गया है। उन्होंने कहा, “मेरे पास 200 पृष्ठ हैं जो दिखाते हैं कि गांधी ब्रिटेन के नागरिक हैं।”

हालांकि, अदालत इन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई और याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के ख़िलाफ़ FIR की जांच सीबीआई को सौंप दी

अंततः कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दी और पूर्व आदेश (5 मई) की समीक्षा याचिका दाखिल करने की छूट प्रदान की।

कोर्ट ने आदेश में कहा, “पूर्व आदेश (5 मई) की समीक्षा याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस ली जाती है।”

यह तीसरा अवसर है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज किया है, यह कहते हुए कि ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए पर्याप्त कानूनी आधार मौजूद नहीं है।

READ ALSO  बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिनेमा हॉल द्वारा ऑनलाइन टिकट पर सुविधा शुल्क वसूलने पर लगी महाराष्ट्र सरकार की रोक हटाई
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles