पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को चंडीगढ़ पुलिस को निर्देश दिया कि वह कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनके बेटे पर पंजाब पुलिसकर्मियों द्वारा पटियाला में पार्किंग विवाद को लेकर किए गए कथित हमले की जांच में अब तक हुई प्रगति की रिपोर्ट अदालत में पेश करे।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश भारद्वाज ने उस नई याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जिसे कर्नल बाथ ने दाखिल किया है। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) की जांच प्रक्रिया पर गहरी असंतुष्टि जताई है और मांग की है कि मामले की जांच या तो चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाए या फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को ट्रांसफर कर दी जाए। उन्होंने SIT पर निष्पक्षता और तत्परता की कमी का आरोप लगाया है।
यह घटना 13 मार्च की रात पटियाला स्थित राजिन्द्रा अस्पताल के पास एक ढाबे के बाहर हुई थी। याचिका के अनुसार, कर्नल बाथ और उनके बेटे अपनी गाड़ी के पास खड़े होकर खाना खा रहे थे, तभी सिविल ड्रेस में चार पंजाब पुलिस इंस्पेक्टरों ने आकर उनकी गाड़ी हटाने को कहा। जब कर्नल बाथ ने उनके अभद्र व्यवहार का विरोध किया, तो एक पुलिसकर्मी ने उन्हें मुक्का मारा और फिर समूह ने उनकी पिटाई की, जिससे उनका हाथ टूट गया। उनके बेटे के सिर में भी चोट आई।

इस मामले को पहले दायर की गई याचिका के आधार पर 3 अप्रैल को चंडीगढ़ पुलिस को ट्रांसफर किया गया था। लेकिन नई याचिका में कर्नल बाथ ने जांच की प्रगति को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जहां उन्हें बार-बार बुलाया गया, वहीं आरोपी पुलिसकर्मियों को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही उन्हें जांच में सक्रिय रूप से शामिल किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना स्थल के पास ढाबे की अहम सीसीटीवी फुटेज गायब हो गई है और जांच एजेंसी ने उसे न तो बरामद करने की कोशिश की और न ही उस पर कोई कार्रवाई की।
याचिका में कहा गया है कि एफआईआर दर्ज हुए और मामला ट्रांसफर हुए तीन महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन “अब तक किसी भी आरोपी को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही उनके खिलाफ कोई गैर-जमानती वारंट या अन्य कानूनी कार्रवाई की गई।” SIT पर “जानबूझकर की गई निष्क्रियता” का आरोप लगाया गया है।
कर्नल बाथ के परिवार ने एक सार्वजनिक बयान में कहा, “हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए पुलिस से देरी को लेकर जवाब मांगा है। SIT को 16 जुलाई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।”
अदालत ने चंडीगढ़ पुलिस और पंजाब सरकार दोनों से बुधवार को होने वाली अगली सुनवाई में याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर जवाब देने को कहा है। सोमवार की कार्यवाही का विस्तृत आदेश जल्द आने की उम्मीद है।