पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा को राज्य में चल रहे जेलों के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए नई समय-सीमा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्देश देते हुए कहा कि पहले प्रस्तावित समय-सीमा केवल प्रशासनिक स्वीकृति के बाद ही प्रभावी होगी।
अदालत ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि पंजाब के मुख्य सचिव एक हलफनामा दायर करें, जिसमें प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति और स्वीकृतियों का उल्लेख हो… नई समय-सीमा भी हलफनामे में दर्ज हो, जिसे अगली सुनवाई की तारीख तक दायर किया जाए।” मामले की अगली सुनवाई 28 मई को निर्धारित है।
यह मामला 2023 में उस समय स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किया गया था जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पुलिस हिरासत में रहते हुए साक्षात्कार लिया गया था। अदालत ने अपराध और अपराधियों के महिमामंडन से युवाओं और जनता पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए इस मुद्दे पर ध्यान दिया और पंजाब में जेलों के बुनियादी ढांचे में सुधार की निगरानी शुरू कर दी थी।

पंजाब सरकार ने पहले दायर हलफनामे में बताया था कि 14 जेलों में एआई-आधारित सीसीटीवी निगरानी प्रणाली स्थापित की जा रही है और छोटे व बड़े सुरंग आकार के कुल 19 एक्स-रे बैगेज स्कैनर खरीदे जा रहे हैं। इसके अलावा, 295 सीसीटीवी कैमरे, 90 बॉडी वॉर्न कैमरे और 16 अंडर-व्हीकल इंस्पेक्शन मिरर भी लगाए जा रहे हैं।
सरकार ने यह भी जानकारी दी कि 23 जेलों में लाइव वायर फेंसिंग और चार जेलों में हाई-सिक्योरिटी जोन बनाए जाने की योजना है। अन्य सुधारों में 110 एंटी-रायट किट, 16 ई-कार्ट और 57 ई-बाइक की खरीद शामिल है।
महत्वपूर्ण रूप से, पंजाब कैबिनेट ने 9 मई को जेलों में जैमर लगाने को मंजूरी दी है और लगभग 500 अतिरिक्त जेल कर्मचारियों की भर्ती को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है, ताकि सुरक्षा और संचालन क्षमता में सुधार किया जा सके।
हाईकोर्ट अगली सुनवाई में विस्तृत स्थिति और संशोधित समय-सीमा की समीक्षा करेगा।