पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब तलब किया है। यह याचिका राज्य सतर्कता ब्यूरो (VB) द्वारा 25 जून को दर्ज disproportionate assets (DA) मामले से जुड़ी है, जिसमें ₹540 करोड़ से अधिक के “ड्रग मनी” की धुलाई के आरोप लगाए गए हैं।
न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे और 14 अक्तूबर तक मजीठिया की याचिका पर अपना जवाब दे। इससे पहले 18 अगस्त को मोहाली की अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद 22 अगस्त को VB ने उनके खिलाफ 40,000 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया।
मजीठिया, जिन्हें 25 जून को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है और उन्हें जेल में रखने के लिए कई मुकदमे खड़े किए गए हैं।
यह DA केस पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) की उस पड़ताल से जुड़ा है, जो 2021 में मजीठिया पर दर्ज एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के मामले से संबंधित है। यह एफआईआर 2018 की एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई थी।
मजीठिया को 2021 में NDPS मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने पटियाला जेल में पाँच महीने से अधिक समय बिताया था। अगस्त 2022 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें इस मामले में जमानत दी थी।




