‘बर्गर किंग’ ट्रेडमार्क विवाद: पुणे की स्थानीय दुकान ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

‘बर्गर किंग’ नाम को लेकर चल रहे एक अहम ट्रेडमार्क विवाद ने नया मोड़ ले लिया है, जहां पुणे स्थित एक स्थानीय फूड जॉइंट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उसे इस नाम के इस्तेमाल से रोका गया था। यह नाम अमेरिका की मशहूर फास्ट फूड चेन ‘बर्गर किंग’ के नाम से मेल खाता है।

यह विवाद वर्ष 2012 में शुरू हुआ था, जब अमेरिका स्थित ‘बर्गर किंग’—जिसकी स्थापना 1954 में हुई थी और जिसने 2014 में भारत में प्रवेश किया—ने पुणे की स्थानीय दुकान द्वारा ‘बर्गर किंग’ नाम के उपयोग पर आपत्ति जताई। स्थानीय रेस्टोरेंट का दावा है कि वह 1992 से ही इस नाम का उपयोग कर रहा है। जुलाई 2024 में एक पुणे अदालत ने स्थानीय दुकान के पक्ष में फैसला देते हुए माना था कि अमेरिकी कंपनी के भारत आने से पहले ही यह नाम उपयोग में था।

READ ALSO  उत्तराखंड हायर जुडिशियल सर्विस परीक्षा में कोई भी अभ्यर्थी नहीं हुआ सफल, एडीजे के तीन पद खाली

हालांकि, दिसंबर 2024 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस आदेश को पलटते हुए अमेरिकी चेन के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ‘बर्गर किंग’ नाम पर अमेरिकी कंपनी की ट्रेडमार्क पंजीकरण पहले हो चुकी थी, जिससे उसे नाम पर विशेषाधिकार प्राप्त होता है।

इसके खिलाफ अब पुणे की दुकान ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय दुकान को अंतिम निर्णय आने तक ‘बर्गर किंग’ नाम के उपयोग की अनुमति दे दी है और हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि वह अपील की सुनवाई जल्द पूरी करे।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरावस्था में प्रेम के मामले में व्यक्ति को बरी किया, सहमति से संबंध का हवाला दिया

स्थानीय दुकान की ओर से अधिवक्ता हीरेन कामोद ने सुनवाई के दौरान कहा, “हम दशकों से ‘बर्गर किंग’ नाम का उपयोग कर रहे हैं, और अब अचानक यह ट्रेडमार्क विवाद सामने आ गया है।” यह मामला मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति मकरंद कर्णिक की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत हुआ।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles