एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत के राष्ट्रपति ने अधिवक्ता प्रवीण कुमार गिरि को इलाहाबाद हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217(1) के तहत की गई नियुक्ति की घोषणा विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 23 जनवरी, 2025 को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में की गई।
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अधिवक्ता प्रवीण कुमार गिरि अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से जज की भूमिका संभालेंगे। यह नियुक्ति कुशल और अनुभवी अधिवक्ताओं को न्यायपालिका में शामिल करके उसे मजबूत बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
आजमगढ़ के अहरौला थाना अंतर्गत विशुनपुरा बुआपुर गांव में 20 जनवरी, 1975 को जन्मे प्रवीण कुमार गिरि भारतीय सेना में वारंट अधिकारी के पद पर कार्यरत कोमल प्रसाद गिरि के परिवार से हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के जनता इंटर कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए, एलएलबी और एलएलएम की डिग्री हासिल की।
वर्ष 2002 में, प्रवीण कुमार गिरि ने भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल, वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद देव गिरि और उनके बेटे शशांक देव गिरि के मार्गदर्शन में हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। उन्होंने मुख्य रूप से आपराधिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की। वर्ष 2017 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया और इसके बाद, उन्हें अपर महाधिवक्ता के पद पर पदोन्नत किया गया।
वर्तमान में प्रयागराज के ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाले प्रवीण कुमार गिरि को राज्य के सबसे कम उम्र के अपर महाधिवक्ता बनने का गौरव प्राप्त है।
इस अधिसूचना को इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के सचिव और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव सहित प्रमुख सरकारी और न्यायिक अधिकारियों को सूचित किया गया।
अधिवक्ता प्रवीण कुमार गिरि की बेंच में पदोन्नति मामलों के कुशल निपटान को सुनिश्चित करने और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने के प्रयासों के तहत हुई है। उनकी नियुक्ति से इलाहाबाद हाईकोर्ट की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो देश के सबसे बड़े हाईकोर्टों में से एक है।
कानूनी बिरादरी और न्यायपालिका ने नियुक्ति का स्वागत किया है और आशा व्यक्त की है कि एडवोकेट गिरि का व्यापक अनुभव उत्तर प्रदेश राज्य में न्याय प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान देगा।