प्रयागराज में अधिवक्ता चेंबरों को गिराने के बाद वकीलों का विरोध, वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बातचीत शुरू

कलेक्ट्रेट और जिला न्यायालय परिसर के आसपास सड़क किनारे अवैध रूप से बने 151 अस्थायी अधिवक्ता चेंबरों को बुधवार सुबह प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम ने ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई के विरोध में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य बहिष्कार कर दिया और वैकल्पिक बैठने की व्यवस्था की मांग की।

यह अतिक्रमण विरोधी अभियान सुबह 4 बजे शुरू हुआ जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और नगर निगम कर्मचारियों की टीम ने जेसीबी मशीन से करीब 90 मिनट तक कार्रवाई की। इस दौरान आधा दर्जन सड़क किनारे की दुकानें भी हटाई गईं। कार्रवाई के दौरान सड़क पर यातायात रोक दिया गया।

प्रयागराज नगर निगम ने पिछले सप्ताह इन चेंबरों को हटाने के लिए नोटिस जारी किए थे और मंगलवार शाम तक की समयसीमा दी थी। निर्धारित समय सीमा तक चेंबर न हटाए जाने पर बुधवार सुबह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। इससे पहले सोमवार को नगर निगम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाहर फ्लाईओवर के नीचे से अतिक्रमण हटाया था।

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ध्वस्तीकरण के विरोध में जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं ने बुधवार को न्यायिक कार्य से बहिष्कार किया। डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया और अपने सदस्यों के लिए वैकल्पिक बैठने की व्यवस्था की मांग की।

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विरोध के दौरान अधिवक्ता उग्र हो गए और पत्थरबाजी करते हुए नगर निगम के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा कटरा स्थित निगम जोनल कार्यालय में तोड़फोड़ की। उन्होंने जिला न्यायालय के सामने सड़क पर जाम भी लगाया। इससे कलेक्ट्रेट परिसर की गतिविधियां पूरे दिन बाधित रहीं। हालात को देखते हुए पुलिस और आरएएफ की तैनाती कर सुरक्षा बढ़ाई गई।

सड़क पर मलबा जमा होने के कारण पूरे दिन यातायात प्रभावित रहा। दोपहर 12 बजे के बाद जब सड़क से जाम हटाया गया, तब जिला अधिवक्ता संघ के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम कार्यालय पहुंचा और अधिकारियों से बातचीत की।

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करीब एक घंटे की बैठक के बाद सहमति बनी कि एसएसपी कार्यालय के सामने की भूमि पर अधिवक्ताओं के चेंबर के लिए भवन निर्माण का प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार मंडल ने आश्वासन दिया कि गुरुवार सुबह तक सड़क से मलबा हटा लिया जाएगा।

हालांकि स्थिति सामान्य होने के संकेत मिले, लेकिन अधिवक्ता संघ का न्यायिक कार्य से बहिष्कार फिलहाल जारी है, जब तक प्रशासन की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जाते।

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