पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ “मोदी” उपनाम रखने वालों के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी के संबंध में यहां एक निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने गांधी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाही पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया है कि चूंकि उन्हें पहले ही गुजरात की एक अदालत द्वारा इसी तरह के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है, इसलिए उन्हें उसी अपराध के लिए फिर से मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के वकील एस डी संजय ने कहा, “हाईकोर्ट ने 15 मई तक मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है, जिस दिन हम याचिका पर अपना जवाब दाखिल करेंगे।”
2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक में एक चुनावी रैली में कुख्यात भाषण देने के कुछ दिनों बाद मोदी ने गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
गौरतलब है कि यहां की सांसद/विधायक अदालत ने हाल के एक आदेश में गांधी को याचिका के संबंध में 25 अप्रैल को पेश होने को कहा था।
कांग्रेस नेता को सूरत की एक अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई है, जहां भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भगोड़े डिफॉल्टर नीरव मोदी और पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी के खिलाफ भद्दी टिप्पणी करने के लिए उन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
सूरत की अदालत द्वारा दी गई सजा ने गांधी की अयोग्यता को भी जन्म दिया है, जिन्होंने लोकसभा में केरल की वायनाड सीट का प्रतिनिधित्व किया था।