दिल्ली हाईकोर्ट ने 2023 संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार एकमात्र महिला आरोपी नीलम आज़ाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ इसी दिन सह-आरोपी मनोरंजन डी. की जमानत याचिका पर भी विचार करेगी।
प्रारंभिक सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या धुएं का ऐसा कनस्तर, जो घातक नहीं है, का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधि के अंतर्गत माने जाने योग्य है और क्या इस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला बनता है।
यह मामला उस घटना से जुड़ा है जब 2001 के संसद हमले की बरसी के दिन सागर शर्मा और मनोरंजन डी. कथित रूप से लोकसभा कक्ष में सार्वजनिक दीर्घा से कूद गए थे और पीले रंग की गैस के कनस्तर से धुआं छोड़ते हुए नारेबाजी की थी। उसी समय, संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद पर रंगीन गैस छोड़ने और “तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाने का आरोप है।
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा, “यदि एक ऐसा धुआं कनस्तर, जो बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है, UAPA के तहत अपराध की श्रेणी में आता है, तो हर होली पर, यहां तक कि आईपीएल मैचों में भी लोग इस अपराध के दोषी माने जा सकते हैं।”
नीलम आज़ाद की ओर से पेश वकीलों ने तर्क दिया कि इस मामले में UAPA की कठोर धाराएं लागू नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि UAPA की धारा 15 के अनुसार ‘आतंकी कृत्य’ वही माना जाता है, जो देश की एकता, सुरक्षा या संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की मंशा से किया गया हो और जिसमें विस्फोटक या घातक पदार्थों का इस्तेमाल करके जान-माल का नुकसान या आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न की जाए।