सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा हैं कि स्थानीय निकायों एंव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान ऐसा नहीं किया जा सकता जिससे कि 50 फीसदी की सीमा पर हो जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्थानीय निकाय में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण एक विशिष्ट मात्रा में होना चाहिए। और अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलाकर आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नही होना चाहिए ।
जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम 1961 के प्रावधानों को विचार करने के बाद कहा हैंकि ओबीसी के लिए आरक्षण 27 फीसदी तक हो सकता है और कुल आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी से अधिक नही हो सकती ।
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