सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को NEET-UG 2025 परीक्षा के उन अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई, जो मध्य प्रदेश के कुछ परीक्षा केंद्रों पर बिजली बाधित होने के कारण प्रभावित हुए थे और दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ अगले सप्ताह इस याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं के वकील ने इस आधार पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी कि काउंसलिंग प्रक्रिया 21 जुलाई से शुरू हो रही है।
पीठ ने यह भी कहा कि चूंकि काउंसलिंग की कई चरणों में प्रक्रिया होती है, इसलिए अगर याचिकाकर्ता केस जीतते हैं तो वे आगे की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।

यह याचिका उन छात्रों द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने इंदौर और उज्जैन के परीक्षा केंद्रों पर बिजली कटौती के बीच परीक्षा दी थी और इसके चलते उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा। इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने प्रभावित छात्रों के लिए पुनः परीक्षा कराने का निर्देश दिया था।
हालांकि, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की अपील पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह आदेश रद्द कर दिया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए एजेंसी को सचेत भी किया।
खंडपीठ ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि हालांकि कुछ केंद्रों पर बिजली गई थी, लेकिन पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश मौजूद था जिससे छात्र परीक्षा दे सके।
अब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि क्या इन प्रभावित छात्रों को NEET-UG 2025 की दोबारा परीक्षा देने का अधिकार मिलना चाहिए।