नागालैंड स्वास्थ्य विभाग की नियुक्तियां प्रक्रियागत खामियों के चलते हाईकोर्ट ने रद्द कीं

गुवाहाटी हाईकोर्ट की कोहिमा बेंच ने नागालैंड सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 61 पदों पर हुई नियुक्ति प्रक्रिया को प्रक्रियागत खामियों और पुराने नियमों पर आधारित होने के कारण निरस्त कर दिया है।

बुधवार को दिए गए आदेश में एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife) और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (FHW) के पदों पर हुई भर्ती को अवैध करार दिया गया। यह मामला 17 याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान उठा, जिसमें एक अधिसूचना और परिशिष्ट को चुनौती दी गई थी। इस परिशिष्ट के जरिए 68 अतिरिक्त उम्मीदवारों को वाइवा-व्हॉस के लिए शामिल किया गया था।

अदालत ने पाया कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (FHW) उम्मीदवारों को पहले तो आवेदन, लिखित परीक्षा और वाइवा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन 23 मई 2024 के परिशिष्ट के जरिए बिना किसी उचित कारण के उन्हें बाहर कर दिया गया। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए कथित “क्यू सिस्टम” को भी गैरकानूनी और 1988 के नागालैंड नर्सिंग सर्विसेज नियमों के खिलाफ बताया।

Video thumbnail

हाईकोर्ट ने कहा कि “पूरी नियुक्ति प्रक्रिया दूषित हो चुकी है” और 22 मई को जारी अस्थायी परिणाम तथा उसके अगले दिन जारी परिशिष्ट—दोनों को रद्द कर दिया।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने गाजीपुर नाले में हुई मौतों के लिए डीडीए को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया

अदालत ने नागालैंड सरकार को 45 दिनों के भीतर 1988 के पुराने नियमों में संशोधन कर एएनएम और एफएचडब्ल्यू पदों के लिए पात्रता मानदंड स्पष्ट करने का निर्देश दिया। इसके बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 15 दिनों के भीतर नई मांग पत्र (requisition) नागालैंड स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड (NSSB) को भेजना होगा।

NSSB को आदेश दिया गया है कि वह नया विज्ञापन जारी कर छह महीने के भीतर पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी करे। साथ ही, जिन उम्मीदवारों ने पहले आयोजित परीक्षा में भाग लिया था, उन्हें दोबारा आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा और बीच की अवधि के लिए आयु सीमा में छूट दी जाएगी।

READ ALSO  मृत्यु के कई वर्षों के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए NSSB ने शुक्रवार को 24 फरवरी 2024 को आयोजित लिखित परीक्षा को औपचारिक रूप से रद्द करने की अधिसूचना जारी की। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि नई भर्ती तभी होगी जब विभाग नियमों में संशोधन कर अद्यतन पात्रता मानदंड अधिसूचित करेगा और न्यायालय के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेगा।

बोर्ड को यह भी निर्देश दिया गया है कि रद्दीकरण की सूचना अखबारों और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर व्यापक रूप से प्रकाशित की जाए।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के तबादले पर दी सफाई, सूचना को गलत बताया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles