सीनियर एडवोकेट एन. हरिहरन दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने गए

कानूनी समुदाय में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन को दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (DHCBA) का नया अध्यक्ष चुना गया है। 21 मार्च को हुए चुनाव में हरिहरन ने 2,967 वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल (2,880 वोट) को पीछे छोड़ते हुए स्पष्ट बढ़त के साथ जीत दर्ज की।

इस चुनाव में वकीलों की भारी भागीदारी और उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। अध्यक्ष पद की दौड़ में अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिजात ने 1,429 वोट और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक सूद ने 339 वोट प्राप्त किए, जो बार के सदस्यों की विविध पसंद को दर्शाता है।

READ ALSO  खुश रह रहा पीड़िता के साथ रेप आरोपी, सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर रद्द की

अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले। वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन पुरी ने उपाध्यक्ष पद पर 4,515 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। उनके प्रतिद्वंद्वी अधिवक्ता इंदरबीर सिंह अलघ और श्याम शर्मा को क्रमशः 1,080 और 1,895 वोट मिले। यह जीत डीएचसीबीए में पुरी के करियर का एक अहम पड़ाव मानी जा रही है।

Video thumbnail

महासचिव पद पर अधिवक्ता विक्रम सिंह पंवार ने 4,389 वोटों के साथ जीत हासिल की। कोषाध्यक्ष पद पर अधिवक्ता कनिका सिंह ने 4,493 वोट पाकर अपने साथियों का मजबूत समर्थन प्राप्त किया। वहीं, संयुक्त सचिव पद पर अधिवक्ता कुणाल मल्होत्रा ने 3,381 वोट पाकर विजयी रहे।

READ ALSO  अधीनस्थ कानून की वैधता के पक्ष में मान्यता होती है और उसे अवैध साबित करने का भार उस पर होता है जो इसे चुनौती देता है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के इन चुनावों ने न केवल संस्था के लोकतांत्रिक मूल्यों को रेखांकित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि बार के सदस्य अपने प्रतिनिधियों के चयन में कितने संजीदा और सक्रिय हैं। अब सभी की निगाहें नव-निर्वाचित टीम पर टिकी हैं, जो वकीलों के हितों की रक्षा और संस्था की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाएगी।

READ ALSO  हाईकोर्ट ने कहा "मरे हुए घोड़े को कोड़े मारने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होता"; गैर-समायोजित पत्नी से पति को तलाक दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles