मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद को लेकर चल रहे कानूनी विवाद में मस्जिद प्रबंधन समिति ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया है। यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े 18 मामलों की सुनवाई को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज करने के बाद उठाया गया है।
1 अगस्त के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद प्रबंधन समिति के अधिवक्ता आरएचए सिकंदर ने अपील दायर की थी। सिकंदर के अनुसार, अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका पर सुनवाई किए जाने की उम्मीद है।
1 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील के खिलाफ फैसला सुनाया कि ये मामले पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के तहत सुनवाई योग्य नहीं हैं, जो यह अनिवार्य करता है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र 15 अगस्त, 1947 को जैसा था, वैसा ही बना रहेगा। न्यायालय ने निर्णय लिया कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह के “धार्मिक चरित्र” की विस्तृत जांच की आवश्यकता है, ताकि विवाद को सुलझाया जा सके।
इस विवाद में हिंदू पक्षकारों के दावे शामिल हैं, जो तर्क देते हैं कि जिस भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद खड़ी है, वह भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है और इस प्रकार यह हिंदू समुदाय का अधिकार है। हालाँकि, मुस्लिम पक्ष ऐतिहासिक अधिकारों और पूजा स्थल अधिनियम द्वारा दी गई सुरक्षा का हवाला देते हुए इन दावों का विरोध करता है।