मुंबई की अदालत ने सैलून कर्मचारी कृति व्यास की 2018 में हुई हत्या के मामले में दो व्यक्तियों को दोषी ठहराया है, जो 16 मार्च, 2018 से लापता है। व्यापक जांच के बावजूद, उसका शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है।
एक सैलून में 28 वर्षीय फाइनेंस मैनेजर कृति व्यास के घर न लौटने पर उसके परिवार ने डी.बी. मार्ग पुलिस स्टेशन में लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रारंभिक जांच में ग्रांट रोड और मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज की जांच शामिल थी, जिससे पता चला कि व्यास गायब होने वाले दिन सुबह 9:11 बजे ग्रांट रोड से विरार के लिए एक उपनगरीय ट्रेन में चढ़ी थी। मामला बाद में अपराध शाखा को भेज दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप सैलून के अकाउंट एक्जीक्यूटिव सिद्धेश ताम्हणकर और अकाउंट मैनेजर खुशी सहजवानी को गिरफ्तार कर लिया गया।
अदालत ने तम्हनकर और सहजवानी दोनों को अन्य आरोपों के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (साक्ष्यों को नष्ट करना) के तहत दोषी पाया।
मामले में सफलता तब मिली जब आरोपी की कार में मिले खून के धब्बों की फोरेंसिक जांच में व्यास के डीएनए का मिलान हुआ। पुलिस ने कहा कि कथित तौर पर अपराध को अंजाम देने के लिए कार का इस्तेमाल किया गया था।