सुप्रीम कोर्ट से उत्तरप्रदेश सरकार ने कहा है कि आम जनता का न्याय प्रक्रिया पर विश्वास बनाए रखने के लिए मुख्तार को पंजाब से यूपी की जेल में ट्रांसफर करना जरूरी है।
कोर्ट से यूपी सरकार ने अपने विशेष अधिकार ( संविधान के आर्टिकल 142) का प्रयोग करने के लिए यूपी जेल में ट्रांसफर का आग्रह किया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की बेंच के सामने उत्तरप्रदेश सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार ने कानून का मखौल बना रखा है और पंजाब सरकार उसका बचाव कर रही है।
आगे तुषार ने कहा कि बीते करीब दो सालों से यूपी की कोर्ट पंजाब के जेल में बंद अंसारी को समन भेज रही है। उसके वावजूद पंजाब सरकार अंसारी को यूपी ट्रांसफर करने में आनाकानी कर रही है।
उन्होंने पंजाब सरकार की उस दलील को बहाना बताया जिसमे कहा गया था कि अंसारी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में काफी दिक्कत है।
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तुषार मेहता ने कहा कि यदि ऐसी समस्या है तो अंसारी को दिल्ली की कोर्ट में कैसे पेश किया गया? अंसारी पर यूपी में तकरीबन 30 मुकदमे दर्ज है।
वही जेल में बंद होने के दौरान पंजाब में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। और उसी एक मामले का हवाला देते हुए मुख्तार को गलत तरीके से बांदा जेल से पंजाब ले जाया गया। या मामले में जेल अधिकारी को सस्पेंड भी किया गया है।