मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और राज्य सरकार को नोटिस जारी करके सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ी एक गंभीर चिंता पर कार्रवाई की है। यह नोटिस एक जनहित याचिका (PIL) के बाद आया है, जिसमें राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों की खराब होती स्थिति और इन सड़कों पर मवेशियों से होने वाले खतरे को उजागर किया गया है। यह जनहित याचिका जबलपुर के वकील प्रांजल तिवारी द्वारा दायर की गई थी और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने इस पर सुनवाई की।
सवाल में शामिल राजमार्ग, NH-43 जो जबलपुर को सागर के रास्ते ग्वालियर से जोड़ता है और NH-45 जो जबलपुर से भोपाल तक है, उपयोगकर्ताओं से टोल वसूलने के बावजूद रखरखाव की कमी से जूझ रहे हैं। तिवारी के वकील प्रमोद सिंह तोमर के अनुसार, सड़क की स्थिति में कई गड्ढे और मवेशियों के कारण होने वाली लगातार रुकावटें शामिल हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं और यातायात का प्रवाह बाधित होता है।
याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों की पुष्टि करने वाली विभिन्न समाचार रिपोर्टों का भी हवाला दिया है, जो सार्वजनिक सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए चिंताओं की तात्कालिकता और प्रासंगिकता को रेखांकित करती हैं। अदालत ने 26 सितंबर को आगे की सुनवाई निर्धारित की है, जहां एनएचएआई और राज्य सरकार से जनहित याचिका में उल्लिखित मुद्दों पर जवाब देने और सुधार के लिए अपनी योजनाएँ प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाएगी।