मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में सोहागपुर द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फ़ैसले में 22 वर्षीय किशन, जिसे चिनू मछिया के नाम से भी जाना जाता है, को पाँच वर्षीय बच्ची के बलात्कार और हत्या के लिए मौत की सज़ा सुनाई है। यह फ़ैसला भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के सख़्त प्रावधानों के तहत सुनाया गया।
जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने अपने फ़ैसले में रामचरित मानस का हवाला देते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी मासूम बच्ची के साथ बलात्कार एक जघन्य और असाधारण रूप से गंभीर घटना है। न्यायालय ने इस मामले को “दुर्लभतम” के रूप में वर्गीकृत किया, जो भारत में मृत्युदंड के लिए एक मानदंड है।
मामले के विवरण में घटनाओं का एक भयावह क्रम सामने आया है, जिसमें 25 दिसंबर, 2021 को युवा पीड़िता अपने घर से गायब हो गई थी। बाद में उसका शव छत पर मिला, जिसके सबूतों से पता चला कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया था और गला घोंटकर उसकी हत्या की गई थी। आगे की जांच में मछिया का नाम सामने आया, जब पीड़िता के भाई ने गवाही दी कि लड़की के लापता होने के समय मछिया छत पर मौजूद था और उसने उसे घटनास्थल से जाने के लिए मजबूर किया था। डीएनए साक्ष्य से दोषसिद्धि पुख्ता हुई, जो अपराध स्थल पर मिले नमूनों से आरोपी से मेल खाता था, जिससे अभियोजन पक्ष के लिए मामला पक्का हो गया।