ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने एक बिल्डर पर हमला करने और उसकी हत्या करने के आरोप में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गिरफ्तार किए गए चार लोगों को बरी कर दिया है।
विशेष न्यायाधीश (मकोका) अभय एन सिरसीकर ने 1 अगस्त को कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है और उन्हें संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए।
अदालत ने किरण डोम्बले (45), महेंद्र उर्फ कल्या मधुकर जाधव (32), अमर श्रीनिवास थोरभोले (33) और साईनाथ दिलीप शेल्के (38) को मकोका और आईपीसी के तहत आरोपों से बरी कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने अदालत को बताया कि कथित आरोपी 8 अप्रैल, 2016 को टिटवाला स्थित बिल्डर मनोज जायसवाल के कार्यालय में घुस गए थे और उन पर धारदार हथियारों से हमला कर उनकी हत्या कर दी थी और कार्यालय में काम कर रहे दो बिजली मिस्त्रियों को भी घायल कर दिया था।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने बिल्डर से पैसे ऐंठने की कोशिश की थी और जब बिल्डर ने उनकी मांगें नहीं मानी तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी।
अभियोजन पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी संगठित अपराधों में शामिल थे और उन्होंने बिल्डर की हत्या की साजिश रची थी।