बंबई हाई कोर्ट ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम को निर्देश दिया कि वह शिवसेना (यूबीटी) के विधायक रवींद्र वाईकर को उपनगरीय जोगेश्वरी में एक लक्जरी होटल बनाने की अनुमति रद्द करने के उसके (नगर निकाय के) आदेश पर कोई कार्रवाई न करे।
न्यायमूर्ति एस बी शुकरे की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने दो सप्ताह की अवधि के लिए मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया, जब वह वाईकर द्वारा बीएमसी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।
पीठ ने अपनी याचिका में आरोप लगाने के लिए वायकर की भी निंदा की कि चूंकि वह एक ऐसे राजनीतिक दल से संबंधित है जो सत्ताधारी सरकार के प्रतिद्वंद्वी है, इसलिए उसे कोई न्याय नहीं मिलेगा।
अदालत ने कहा, “मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जा रहा है…क्यों? आपको (वाइकर) राजनीतिक आरोपों के बारे में याचिका में इस तरह के बयानों का उल्लेख नहीं करना चाहिए था।”
पीठ ने बीएमसी को दो सप्ताह के भीतर वाईकर की याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
वायकर ने अपनी याचिका में बीएमसी के 15 जून के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि 2020-21 में तय प्रक्रिया का पालन करने के बाद उन्हें अनुमति दी गई।
विधायक ने दावा किया कि विकास कार्य शुरू करने से पहले उनके द्वारा आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बावजूद, नागरिक निकाय ने मनमानी तरीके से, उन्हें और डेवलपर्स को सुनवाई का मौका दिए बिना मंजूरी रद्द कर दी।
याचिका के अनुसार, कुछ गैर-प्रकटीकरणों के कारण विकास अनुमति रद्द कर दी गई थी।