नाबालिग लड़के का यौन शोषण करने वाले को 10 साल की सजा

यहां की एक विशेष अदालत ने एक नाबालिग लड़के का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में एक व्यक्ति को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि इस तरह के गंदे अनुभवों से बचपन की शांतिपूर्ण याददाश्त में खलल पड़ता है।

विशेष न्यायाधीश प्रीति कुमार (घुले) ने 3 अप्रैल को आरोपी को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत आरोपों के लिए दोषी ठहराया था।

पीड़िता, जो 2019 में घटना के समय 11 साल की थी, ने अदालत के सामने बयान दिया कि वह अपने घर के पास एक पार्क में गई थी, जब आरोपी उसे चॉकलेट देने के बहाने जबरन एक ऑटोरिक्शा में ले गया और एक दिखा रहा था। चल दूरभाष।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी ने अन्य बच्चों के साथ भी इसी तरह की हरकत की थी।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि बच्चे कमजोर होते हैं और आसानी से आरोपी के पास चले जाते हैं, क्योंकि उन्हें मोबाइल फोन और चॉकलेट का लालच दिया जाता है।

अदालत ने कहा कि बच्चा लंबे समय तक चुप रहा और जब उसके माता-पिता ने उससे पूछताछ की, तो उसने उन्हें घटना के बारे में बताया, अदालत ने कहा कि यह एक “मनगढ़ंत कहानी” नहीं है।

अदालत ने कहा कि बच्चा अपनी मां की अनुमति के बिना एक मोबाइल फोन देखने जा रहा था, इसलिए उसने मां को इस कृत्य का खुलासा नहीं किया होगा।

READ ALSO  सोशल मीडिया पर भावनाओ को बढ़ा चढ़ा कर बताये जाने से प्रभावित नही होनी चाहिए जजों की राय- CJI एनवी रमना

इसमें कहा गया है कि यौन अपराध के कारण बच्ची को मानसिक आघात पहुंचा है।

अदालत ने कहा, “आरोपी के कारण इस तरह के गंदे अनुभवों से बचपन की शांतिपूर्ण स्मृति परेशान होती है। यह निश्चित रूप से बच्चे के समग्र विकास को प्रभावित करेगा।”

अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए बच्चे को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की विभिन्न योजनाओं से मुआवजा दिलाने की भी सिफारिश की।

READ ALSO  हाई कोर्ट का फैसला: करीबी रिश्ता न होने पर भी दी किडनी अदला-बदली की इजाजत
Ad 20- WhatsApp Banner

Related Articles

Latest Articles