कोर्ट ने जेट के संस्थापक गोयल को निजी अस्पताल में कोलोनोस्कोपी कराने की अनुमति दी

अदालत ने केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को मुंबई के एक निजी अस्पताल में गैस्ट्रो और कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया से गुजरने की अनुमति दे दी है।

गोयल ने मंगलवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें उस प्रक्रिया से गुजरने की सलाह दी गई है जो डॉक्टर को किसी व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी हिस्से की जांच करने की अनुमति देती है।

मेडिकल इमेजिंग तकनीक का उपयोग शरीर के विभिन्न हिस्सों में बीमारियों का निदान करने के लिए किया जाता है।

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विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने बुधवार को मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद गोयल को मुफजल लकड़ावाला (गोयल के डॉक्टर) के अस्पताल में दो दिनों के लिए गैस्ट्रो और कोलोनोस्कोपी कराने की अनुमति दी।

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अदालत ने कहा, आर्थर रोड जेल के अधीक्षक आवेदक (गोयल) के खर्च पर पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था करेंगे।

इसमें कहा गया है कि गोयल और उनके वकील ऑन रिकॉर्ड प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को गोयल के अस्पताल में भर्ती होने की तारीख के बारे में पहले ही सूचित कर देंगे।

अब बंद हो चुकी निजी एयरलाइन के प्रमोटर ने 26 जनवरी को अस्पताल ले जाने की मांग की है।

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चार महीने से अधिक समय तक जेल में रहने वाले 74 वर्षीय व्यवसायी को हाल ही में अदालत ने यहां एक निजी अस्पताल में कई चिकित्सा परीक्षण कराने की अनुमति दी थी।

अदालत ने 10 जनवरी को मानवीय आधार पर गोयल को अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी थी। यह मंजूरी तब मिली जब कुछ दिन पहले गोयल ने अदालत को बताया कि उन्होंने “जीवन की हर उम्मीद खो दी है और ऐसी स्थिति में जीने से बेहतर होगा कि वह जेल में ही मर जाएं”।

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गोयल को सितंबर 2023 में ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को दिए गए 538.62 करोड़ रुपये के ऋण को भुनाकर मनी लॉन्ड्रिंग की थी।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कथित बैंक धोखाधड़ी के संबंध में जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और अब बंद हो चुकी एयरलाइन के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर से उपजा है।

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