एक सत्र अदालत ने सोमवार को शहर के एक दंत चिकित्सक को 2016 में अपने पांच साल के बेटे के सामने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी पी बनकर ने आरोपी उमेश बोबले को भारतीय दंड संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपों का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, उमेश ने अपने बेटे के सामने रसोई के चाकू से अपनी पत्नी तनुजा का गला काटकर हत्या कर दी।
इसमें कहा गया है कि पीड़िता के शरीर पर कुल 34 चोटें पाई गईं।
दिसंबर 2016 में शहर के दादर इलाके में हुई हत्या से कुछ महीने पहले जोड़े ने तलाक के लिए अर्जी दी थी।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि हत्या का कारण अलग हो चुके जोड़े की गुजारा भत्ता राशि को लेकर असहमति थी, जिसे तलाक को अंतिम रूप देने के बाद उमेश को भुगतान करना था।
पीड़िता की बहन ने अपने बयान में अदालत को बताया कि शादी के छह महीने बाद ही दंपति के बीच मतभेद हो गया था और वे झगड़ते थे।
उमेश को अपनी पत्नी पर शक हो गया था, क्योंकि वह काम से देर से घर आती थी। गवाह ने अदालत को बताया कि जब तनुजा गर्भवती हो गई, तो उसने उसके चरित्र पर संदेह करना शुरू कर दिया और डीएनए परीक्षण कराने पर जोर दिया और इससे उसका पितृत्व साबित हो गया।
अभियोजन पक्ष ने आरोपी के बेटे, उसके पड़ोसियों और मामले के जांच अधिकारी सहित अन्य की गवाही भी दर्ज की।