महाराष्ट्र के ठाणे जिले की अदालत ने 35 वर्षीय ड्राइवर को बरी कर दिया, जिस पर विवाहेतर संबंध के कारण एक व्यक्ति की हत्या करने और उसके शव को झील में फेंकने का आरोप था।
सत्र न्यायाधीश एएन सिरसीकर ने 30 दिसंबर को मुंब्रा निवासी आरोपी राहुल मौरती कांबले को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे उसके खिलाफ आरोप स्थापित करने में विफल रहा है।
इस मामले में मोहम्मद अनीस मोहम्मद रफीक खान और उनकी पत्नी मोहज़िन मोहम्मद अनीस खान की गिरफ्तारी शामिल थी। जिला अदालत ने शुरू में मोहम्मद को दोषी ठहराया, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय ने उसे बरी कर दिया, जबकि सत्र अदालत ने मोहज़िन को बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़ित अनवर हुसैन शहाबुद्दीन शेख (22) का मोहज़िन के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। चेतावनियों के बावजूद शेख मोहज़िन के संपर्क में रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि 1 मार्च 2012 को, कांबले और दंपति ने नायलॉन की रस्सी से शेख का गला घोंट दिया, उसके शरीर को प्लास्टिक की थैली में डाला और फडकेपाड़ा झील में फेंक दिया।
पुलिस ने बाद में शव बरामद किया और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया।