मेघालय हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक धरोहर ‘बिधान भवन’ या ‘रॉय विला’ को गिराने की प्रस्तावित कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगाते हुए संपत्ति की वर्तमान स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। यह भवन 1923 से पहले डॉ. बिधान चंद्र रॉय द्वारा बनवाया गया था, जो बाद में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने थे। यह विला उनके परिवार का ग्रीष्मकालीन आवास भी रहा।
गुरुवार को न्यायमूर्ति हमरशन सिंह थंगखिउ और न्यायमूर्ति बिस्वदीप भट्टाचार्य की खंडपीठ ने आदेश दिया कि मामले को मुख्य न्यायाधीश की नियमित पीआईएल पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए और अगली सुनवाई तक संपत्ति में यथास्थिति बनाए रखी जाए।
इस संपत्ति, जो वर्तमान में राज्य सर्किट हाउस के रूप में कार्यरत है, को लेकर इस माह की शुरुआत में एक पत्र के आधार पर पीआईएल दर्ज हुई थी। यह पत्र मुख्य न्यायाधीश सौमेन सेन को संबोधित था और इसमें विला के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व को रेखांकित किया गया था।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एक संक्षिप्त हलफनामा प्रस्तुत किया गया। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि भवन के इतिहास और सर्किट हाउस में परिवर्तन से जुड़े अभिलेखों की जांच के बाद सरकार विस्तृत हलफनामा दाखिल करेगी।
अमिकस क्यूरी एस. चक्रवर्ती ने कहा कि वह राज्य के विस्तृत हलफनामे का अध्ययन करने के बाद अपना पक्ष दाखिल करेंगे।
मामला अब नियमित पीआईएल पीठ के समक्ष रखा जाएगा और अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनी रहेगी।




