मेघालय हाईकोर्ट ने करंट लगने से छात्र की मौत पर स्कूल को 6.5 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया

मेघालय हाईकोर्ट ने जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), मावफलांग को आदेश दिया है कि वह कक्षा 11 के छात्र नथानिएल सोहतुन की मौत के लिए उसके माता-पिता को ₹6.5 लाख का मुआवजा अदा करे। छात्र की पिछले वर्ष स्कूल हॉस्टल में करंट लगने से मौत हो गई थी।

यह आदेश न्यायमूर्ति हमर सिंग थांगखिउ ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जो नथानिएल की मां फिदाफरलीन सोहतुन ने दायर की थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि यह राशि आठ सप्ताह के भीतर दी जाए। यह मुआवजा राशि उस ₹1 लाख की अतिरिक्त है जो पहले ही स्कूल द्वारा बतौर अनुग्रह राशि दी जा चुकी है।

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घटना उस समय हुई थी जब नथानिएल अपने दोस्तों के साथ खेलकूद के बाद नहाने के लिए हॉस्टल की छत पर गया था, जहां उसे करंट लग गया।

हाईकोर्ट ने माना कि छात्र की मृत्यु स्कूल प्रशासन की “लापरवाही और खामियों” के कारण हुई। कोर्ट ने कहा, “यह तथ्य कि जिस स्थान को बंद और सुरक्षित रखा जाना था, वह खुला मिला — यह संबंधित शिक्षक की जिम्मेदारी में विफलता को दर्शाता है।”

अदालत के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्टों में स्कूल की विद्युत व्यवस्था की खराब स्थिति और सुरक्षा में गंभीर चूक उजागर हुई। कोर्ट ने कहा, “स्कूल की आधारभूत संरचना और निगरानी व्यवस्था में गंभीर प्रणालीगत खामियां पाई गई हैं।”

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हालांकि, प्रधानाचार्या नीलम शर्मा के खिलाफ आपराधिक लापरवाही साबित नहीं हुई है, लेकिन अदालत ने यह भी दर्ज किया कि इस मामले में तीन अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और आपराधिक मामला विचाराधीन है।

कोर्ट ने स्कूल को तत्काल सुरक्षा उपाय लागू करने के निर्देश भी दिए, जिनमें शामिल हैं:

  • बिजली व्यवस्था की समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट कराना
  • केवल प्रमाणित इलेक्ट्रिशियनों की नियुक्ति
  • खतरनाक क्षेत्रों जैसे छत आदि की कड़ी निगरानी
  • जोखिम वाले स्थानों पर चेतावनी और खतरे से संबंधित संकेतक बोर्ड लगाना
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