मेघालय हाईकोर्ट का निर्देश: बचे हुए जिलों में भी बनें एनिमल बर्थ कंट्रोल समितियां

मेघालय हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह दक्षिण गारो हिल्स और पश्चिम जयंतिया हिल्स जिलों में भी एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) समितियों का गठन करे, जहां अब तक ऐसी समितियां नहीं बनाई गई हैं। यह आदेश राज्य में आवारा कुत्तों के मानवीय प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया गया है।

यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आई. पी. मुखर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू. डिएंगडोह की खंडपीठ ने मंगलवार को उस जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान दिया, जिसे कौस्तव पॉल ने दायर किया था। याचिका में राज्य में आवारा कुत्तों की समस्या और उनके संरक्षण के लिए बेहतर व्यवस्था की मांग की गई है।

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राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि अधिकांश जिलों में ABC समितियों का गठन कर दिया गया है, लेकिन दक्षिण गारो हिल्स और पश्चिम जयंतिया हिल्स में यह कार्य अब भी शेष है। इस पर अदालत ने कहा, “हम इस जनहित याचिका को 6 अगस्त 2025 को पुनः सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हैं, ताकि उठाए गए कदमों की रिपोर्ट प्राप्त की जा सके, जिसमें इन दोनों जिलों में समितियों के गठन की जानकारी भी शामिल हो।”

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इन समितियों का गठन ‘पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ और ‘एनिमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) नियम, 2001’ के तहत किया जाता है। इनका उद्देश्य आवारा कुत्तों की जनसंख्या को मानवीय तरीकों से नियंत्रित करना है, जिसमें उन्हें पकड़ना, टीकाकरण करना, नसबंदी करना, उपचार देना और पुनर्वास केंद्रों में रखना शामिल है।

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