एमसीडी कर्मचारी को अपने ही विभाग के खिलाफ झूठा मुकदमा करने के लिए भरना पड़ा जुर्माना

धोखाधड़ी के मुकदमे की एक चेतावनी भरी कहानी में, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक कर्मचारी को गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ा, क्योंकि श्रम न्यायालय ने उस पर 45,000 रुपये का जुर्माना लगाया। यह फैसला तब आया जब न्यायालय ने उसके दावों को काल्पनिक माना, जिससे कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करने के गंभीर परिणाम उजागर हुए।

विवाद तब शुरू हुआ जब एमसीडी कर्मचारी ने कई वर्षों से बकाया भुगतान न किए जाने को लेकर निगम के खिलाफ कई मुकदमे दायर किए। हालांकि, जांच करने पर, ये दावे निराधार साबित हुए, जिसके बाद एमसीडी अधिकारियों ने श्रम न्यायालय में सबूत पेश किए। न्यायालय द्वारा विस्तृत जांच में निगम के सबूतों को सही ठहराया गया और इसके बाद, कर्मचारी को भारी जुर्माने से दंडित किया गया।

श्रम उपायुक्त (शाहदरा दक्षिण क्षेत्र), श्री बादल कुमार ने बताया कि अधिकारियों द्वारा मामलों की सावधानीपूर्वक जांच की गई, जिससे दावों की धोखाधड़ी की प्रकृति का पता चला। अदालत के फ़ैसले के बाद, एमसीडी के अधिकारी सतर्क हो गए हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपनी निगरानी प्रणाली को बेहतर बनाया है।

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इस घटना के जवाब में, दिल्ली नगर निगम ने एक मज़बूत ऑनलाइन निगरानी प्रणाली लागू की है। कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक आईडी सहित उन्नत तकनीक का उपयोग अब झूठे दावों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए किया जाएगा।

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